10 मार्च 2012
अच्छा नहीं किया।
तुमने अपना रस्ता बदला अच्छा नहीं किया।
उस पे अपना लहज़ा बदला अच्छा नहीं किया।
मैं तेरा हूं बस तेरा ही, कल तक कहा तूने,
लेकिन आज मुकर गया अच्छा नहीं किया।
छोड़ के यारी यारों की, तू तो संभल गया।
हमको यूं ही छोड़ दिया अच्छा नहीं किया।
मैं तो समझा मेरा वास्ता सूरज तुझ से है।
तू जा बादलों में छिपा अच्छा नहीं किया।
पका हुआ फल तो नीचे गिर ही जाता है।
तूने उसको मार गिराया अच्छा नहीं किया।
हम तो हाथ में लिए गुलाल खड़े ही रह गए,
तुमने ही मुंह फेर लिया अच्छा नहीं किया।..
-मनोहर चमोली ‘मनु’
.....02.02.2012
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