अब तो उससे मिलना होगा
शायद फिर से झुकना होगा
वो चाहे सूरज बन जाए
उसको फिर भी ढलना होगा
लड़के वाले कल आएँगे
उसको फिर सँवरना होगा
विपदा चाहे जैसी भी हो
मुझको खुद संभलना होगा
बेटी पीहर जाने को है
फिर कुछ गिरवी रखना होगा
....................
-मनोहर चमोली ‘मनु’
-19. 4. 2012. सुबह सवेरे.
Bahut sundar..Manhar ji..
जवाब देंहटाएंshukriya aapka.
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