28 जुल॰ 2012

'आंसू बन गए मोती '

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'आंसू बन गए मोती '



ब्याही गई बेटी

पहाड़ की
सुदूर पहाड़ पर
विदाई पर वो खूब रोई
ससुराल पहुंचने तक
गालों पर लुढ़कते रहे आंसू
बन गए मोती तब
जब देखा उसने ससुराल के पहाड़ से
अपना पहाड़ी गांव।
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-मनोहर चमोली ‘मनु’

[25-july 2008]

2 टिप्‍पणियां:

यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।